लेख

 

शिक्षा पर हमले”


अमीना


जैसा कि हम जानते हैं कि शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है और देश का विकास करने करने के लिए लोगों का शिक्षित होना आवश्यक है। शिक्षा पर पहले बहुत से हमले देखने को मिलते थे मगर जब से मोदी सरकार आई है तब से शिक्षा के ऊपर लगातार हमले हो रहे हैं। शिक्षा का निजीकरण, व्यवसायीकरण, और भगवाकरण किया जा रहा है ताकि तर्क संगीत विचारों को दबाया जा सके। अब शिक्षा को इतना महँगा किया जा चुका है तथा और भी अधिक महँगा करने की कोशिश की जा रही है जिसमे शिक्षा अब केवल कुछ मुट्ठी भर लोगों के लिए ही रह गयी है तथा बाकी लोगों के हाथ से शिक्षा को छीना जा रहा है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि शिक्षा एक मुनाफ़ा कमाने का धंधा बन रहा है। शिक्षा को गेट्स में लाया गया है जिसमें गेट्स की नीतियों पर भारत सरकार ने बिना हस्ताक्षर किये लागू कर दिया है जिसमें भारत के विश्वविद्यालयों को दूसरे देश की संस्थाओं के अनुकूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

गेट्स की नीतियाँ

  1. दूरस्थ शिक्षा सेवा, ओपन शिक्षा तथा दूर भाषी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि बच्चों में छात्रों वाली खूबी विकसित ना हो सके।

2- छात्र उच्च शिक्षा पाने के लिए एक दूसरे देष में आवागमन कर रहे हैं।

3- कॉलेजों में ऐसे कोर्स चलाये जा रहे हैं जिनसे विदेशी विश्व विद्यालयों से डिग्री मिले।

4- विदेशों में शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों शिक्षा कर्मियों का अस्थाई रूप से आवागमन करवाया जा रहा हैं

उच्च शिक्षा का धीरे-धीरे निजीकरण किया जा रहा है जैसाकि हम देख ही रहे हैं कि कॉलेजों को स्वायत्तता देने का प्रयास किया जा रहा है, फीस वृद्धि की जा रही है क्योंकि पहले जहाँ सभी कोर्सों को करने के लिए कम धन देना पड़ता था आज उन्ही कोर्सों को करने के लिए अधिक धन देना पड़ रहा है जो कि फीस बढ़ने के कारण हुआ है, शिक्षकों की भी कमी की जा रही है सभी शिक्षकों को स्थाई तौर पर ना रख कर अस्थाई तौर एक निश्चित अंतराल के लिए रखा जा रहा है। आई आई टी आई आई , मे शिक्षकों की बहुत कमी है इसका असर छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है।

मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि यह सभी नीतियाँ जो गेट्स के अंतर्गत हैं वो ॅज्व् के तहत आई हैं भले ही भारत सरकार ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये है किंतु यह सारे प्रावधान पीछे के गेट से लागू किये जा रहे हैं। शिक्षा को अब केवल मुनाफ़ा कमाने का धंधा बनाना है ना कि देश के नागरिकों को शिक्षित करने के लिए सरकार कि ज़िम्मेदारी बनाना। इसका समाधान यह हो सकता है कि शिक्षा को ॅज्व् से बाहर किया जाये तथा इसके लिए सभी लोगों को एकत्रित होकर संघर्ष के लिए आगे आना चाहि

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